रविवार, 10 जुलाई 2011

हिन्दी ब्लागरों के जन्मदिन का महोत्सव

सचमुच यह एक अति विशिष्ट मौका है  ...अपने एक  सर्वप्रिय ब्लॉग पर पांच सौंवी पोस्ट अब से बस कुछ और पलों  की मुन्तजिर है.... एक इतिहास ...ब्लागेतिहास लिखा जाने वाला है ...यह मौका है एक उस शख्सियत के नेक कामों की पुरजोर प्रशंसा और कृतज्ञता ज्ञापन की जिसने ब्लागिंग के मायनों को एक नया आयाम दिया और एक सामाजिकता की नई पहचान दी ....

यह शख्सियत और कोई नहीं बल्कि अपने बी एस पाबला जी हैं जिन्होंने ब्लॉग के जरिये लोगों की सामाजिकता की अभिव्यक्ति का एक मंच दिया, लोकप्रिय ब्लॉग ,'हिन्दी ब्लागरों के जन्मदिन ' के रूप में जहाँ केवल जन्मदिन ही नहीं वैवाहिक वर्षगांठों का  भी सेलिब्रेशन हुआ और आज अर्धरात्रि से इस पर पांच सौवीं पोस्ट आने को मचल उठी है ...यह एक महोत्सव का अवसर है ...

लोगबाग कहते हैं ,कुछ दिलजले भी कह उठते हैं कि ब्लागिरी नाते रिश्तेदारी की जगह नहीं है ..यहाँ केवल मुद्दे उठाना चाहिए ...मुद्दों पर बात चीत होनी चाहिए .आज ही एक मोहतरमा मुझसे प्रत्यक्षतः   कह रही थीं कि उनका लेनादेना बस ब्लागिंग से है ब्लागरों से नहीं ..जबकि ब्लागरों के जन्मदिन वाले ब्लॉग पर उनका भी जन्मदिन और एनिवेर्सरी सेलिब्रेट की गयी और केवल उन्ही की क्यों ऐसे तो सैकड़ों हैं ! भला मानव से उसकी मानवीयता और सामाजिक सरोकार पृथक किये जा सकते हैं? ...चलिए यह मौका उलाहनों का नहीं एक बड़े अवसर को सेलिब्रेट करने का है ...

आईये पाबला जी को बधाईयों से सराबोर करें ....उनकी सामाजिकता का गौरव गान करें ताकि हम खुद मानव होने की अर्थवत्ता को मूर्तमान कर सके ....अपनी खुद की सार्थकता का आह्वान कर सकें! 
लांग लिव 'हिन्दी ब्लागरों के जन्मदिन' 
लिखते लिखते 
यह पोस्ट प्रकाशित हो ही रही थी कि पाबला जी ने एक स्वचालित वेबसाईट लांच कर देने की 
घोषणा की है जो ब्लागरों की एक समग्र डायरेक्टरी की कमी को भी पूरा करेगी ..
हम मुरीद हुए आपके पाबला जी ! 


30 टिप्‍पणियां:

  1. जय हो जय हो जय हो ... क्या खबर सुनाई है ... वाह !!!

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  2. नदी न कभी अपना जल पीती है, पेड़ न कभी अपने फल खाते हैं...इनसानों में ये बात वन एंड ओनली बी एस पाबला पर लागू होती है...

    जय हिंद...

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  3. वाकई इस प्रयास के लिए श्री पाबला जी को जितनी बधाई दी जाय कम है.

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  4. लांग लिव 'हिन्दी ब्लागरों के जन्मदिन'

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  5. खुशदीप सहगल जी से सहमत .पाबला जी एक समर्पित इंसान हैं ब्लोगिंग को आपने सेया है ,संरक्षित किया है इस नव -उद्भूत विधा को नए आयाम दी हैं ,अपने पन की नै परवाज़ दी है .बधाई पाबलाजी-तुम जियो हज़ार साल ..

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  6. हमारी भी बधाई ब-जरिये पंडित जी दर्ज की जाए! पाबला जी.. तुस्सी ग्रेट हो!!

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  7. माननीय पाबला जी को उनके इस ब्लॉग की पाँच सौवीं पोस्ट के निकट पहुँचने के लिए बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएँ.मुझे याद है कि कुछ महीने पहले अस्वस्थता के दौरान भी उन्होंने अपना योगदान ब्लॉग्गिंग के लिए जारी रखा थे.
    अपने कार्य के लिए ऐसा समर्पण सराहनीय है.
    डॉ.अरविन्द जी का भी आभार जो उन्होंने इस खबर को हम तक पहुँचाया.

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  8. पाबला जी को बहुत बधाई व आभार !

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  9. पँडित जी, जरा किसी विद्वान से पाबला का जन्मदिन बिचरवाओ..
    फिर हम लोग भी उन्हें अपनी शुभकामनाओं से दबोच लें..
    ताज़्ज़ुब तो तब होता है जब ब्लॉगजगत की कोई पोस्ट
    प्रिंट मीडिया में आते ही उन्हें तत्काल खबर लग जाती
    है.. न जाने कौन सा इन्द्रजाल है.. इस सरदार के पास !

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  10. सच में पाबलाजी बधाई के पात्र हैं..... उन्हें ढेर सारी शुभकामनायें

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  11. अभी पिछले सप्ताह सुबह सुबह पाबला जी का फोन आया था, सतश्री अकाल के बाद, उन्होंने कहा कि अपने एक उसूल के कारण वे मुझे फोन कर रहे हैं कि जब किसी ब्लोगर कि पोस्ट अखबार में छपती है तो वे खुद फोन करके उसे सूचित करते हैं, अतः आपको सूचित कर रहा हूँ कि आपकी ताजा पोस्ट जागरण के राष्ट्रीय अंक में छपी है... बधाई स्वीकारें !

    यह अप्रत्याशित सूचना पाकर, मैं ब्लॉग सरदार के स्नेह और सेवा भाव में आनंद, के प्रति रुझान को देख आश्चर्यचकित था !

    आज के समय में ऐसा स्नेह और निस्वार्थ सेवा दुर्लभ है ! ब्लॉग जगत में निस्संदेह वे ऐसे लोगों में से हैं जिनका सम्मान होना ही चाहिए ! आपने उनके लिए पोस्ट लिखी है आपका आभारी हूँ !

    पाबला जी के लिए एक फ़िल्मी लाइन ...

    तुमको हमारी उम्र लग जाए ...

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  12. डॉ अमर कुमार जी,

    पाबला जी का जन्मदिन मैंने भी खोजी पत्रकारिता के ज़रिए पता कराया था...इस ब्लॉगयोगी ने 21 सितंबर को दुनिया में जन्म लिया...मैंने पिछले साल प्रस्ताव किया था कि 21 सितंबर को हर साल ब्लॉगजगत पाबला डे के तौर पर मनाए और गूगल को भी इसकी सूचना दे...इस साल हम सबको धूमधाम से पाबला डे मनाने की तैयारी करनी चाहिए....

    जय हिंद...

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  13. @वाह खुशदीप जी ,क्या स्कूप है :)
    इस बार का पाबला डे क्यों न बनारस में कर दिया जाय -आगमन हेतु कौन कौन इच्छुक हैं बतायें !

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  14. पाबला जी को हार्दिक बधाई !

    खुशदीप जी 21 सितम्बर हमारा भी जन्मदिवस है … याद रखिएगा … :)

    अरविंद जी
    आप हमेशा विविध रंगी पोस्ट लाते हैं … विशेष आभार !
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !

    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  15. पाबला जी की सक्रियता वाकई कमाल की है...बधाइयाँ.
    _______________
    शब्द-शिखर / विश्व जनसंख्या दिवस : बेटियों की टूटती 'आस्था'

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  16. सबको बाँधे रखने में बड़ा ही सराहनीय प्रयास है पाबलाजी का।

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  17. ‘लोगबाग कहते हैं ,कुछ दिलजले भी कह उठते हैं कि ब्लागिरी नाते रिश्तेदारी की जगह नहीं है ..यहाँ केवल मुद्दे उठाना चाहिए ’

    मुद्दे ही नहीं मुगदर भी उठाए जाते हैं डॉक्टर साहब। इसीलिए तो पाबलाजी ने अपना समय बचाने के लिए वेबसाइट खोल दी है :)

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  18. ब्लोगिंग के प्रति पाबला जी का समर्पण सराहनीय है .

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  19. पाबला जी को मेरी ओर से भी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं.

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  20. असली बात तो रिश्तों की है, जब चिट्ठों में विचार मिल जाते हैं तो मन के रिश्ते अपने आप बन जाते हैं.

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  21. लफ्ज़ लफ्ज़ आज फिर बांचा इस पोस्ट का .आपके कथन और कथोपकथन से पूरी तरह सहमत ,ब्लॉग हमारे लिए है हम ब्लॉग के लिए नहीं हैं फिर ब्लॉग भी अपने समय का दस्तावेज़ है .फिर साहित्य में तो बाकायदा परम्परा है -षष्टि -पूर्ती की यहाँ तो साहित्य में नानो -जनेरियां भी बैठें हैं .वास्तु निष्ठ होना जीवन का अंतिम सत्य नहीं है .वास्तु निष्ठ किसके लिए होना है ?व्यष्टि या समष्टि और दोनों परस्पर सापेक्षिक हैं परम या निरपेक्ष इस जगत में कुछ भी नहीं है स्वयम ईश्वर भी नहीं जो कार्य -कारण से आबद्ध है .इति पाबला जी को नमन ,आदाब और केंटन के शतश :प्रणाम .अरविन्द जी एक सार्थक निस्स्वार्थ चिठ्ठा समर्पित शख्सियत से रु -बा -रु करवाने उन्हें प्रणाम करने का मौक़ा दिलवाने के लिए आपका आभार .

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  22. आप सभी शुभचिंतकों की निश्छल भावनाओं के समक्ष नतमस्तक हूँ।

    स्नेह बनाए रखिएगा

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  23. अरविन्द जी,

    मुझ नाचीज़ को इतना मान!
    यह आपका बड़प्पन है

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  24. @ सतीश सक्सेना जी
    आपका कथन
    "जब किसी ब्लोगर कि पोस्ट अखबार में छपती है तो वे खुद फोन करके उसे सूचित करते हैं"

    बिलकुल सही है
    यह नियम भी इसलिए बना रखा है कि
    आपाधापी के इस माहौल में इसी बहाने ब्लोगर साथियों से संवाद बना रहता है
    क्योंकि मैं ऐसे संवादों के विरोध में रहा हूँ जो किसी तकलीफ, मदद या ज़रुरत के वक्त ही किए जाते हैं
    कभी बिना मतलब के बात कर लेनी चाहिए ना !
    हा हा हा

    इसके बावजूद भी ब्लोग छपने के मामले में बात भी उन्ही से हो पाती है जिनके नंबर मेरे मोबाईल में उपलब्ध हैं व जिनसे अनौपचारिक बातें होती रही हैं

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  25. पाबला जी के साथ-साथ आपको भी बधाई अच्छी जानकारी देने के लिए.

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